हँसते हँसते रोना है इतना पागल होना है । Best Hindi shayari
Best Hindi shayari status by Kathi kuwar हिन्दी-शायरी-स्टेटस-काठी-कुंवर aap ko yha sabse achhi or best Hindi shayari milegi sirf or sirf
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तुम भी कब्र पर मेरी, आना फिर
मोहब्बत के किस्से, सुनाना फिर
हमें छोड़कर ना कहीं जाना फिर
दूर से देखकर ही मुस्कुराना फिर
या आंगन में कहीं दफनाना फिर
अपने सीने से हमें, लगाना फिर
ना मेरा दिल कभी, जलाना फिर
मेरे जैसे बन जाओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जायेगा
दीवारों से टकराओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जायेगा
हर बात गवारा कर लोगे मन्नत भी उतार कर लोगे
तावीज़ें भी बँधवाओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जायेगा
😍
मेरी साँसों पर नाम बस तुम्हारा है,
मैं अगर खुश हूँ तो ये एहसान तुम्हारा हैं.
बस वो मुस्कुराहट ही कही खो गई है,
बाकी तो मै भी बहुत खुश हू आजकल |||🙂🙂
मेरे जीने के लिए तेरा अरमान ही काफी है,
दिल की कलम से लिखी ये दास्तां ही काफी है,
तीर-ए-तलवार की तुझे क्या जरूरत,
कत्ल करने के लिए तेरी मुस्कान ही काफी है।
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हँसते हँसते रोना है इतना पागल होना है । Best Hindi shayari |
शानदार रिश्ते चाहिए तो उन्हें गहराई से निभाइये..*
*"लाजवाब मोती" कभी किनारों पे नही मिलते🙂
जो भी दुख याद न था याद आया;
आज क्या जानिए क्या याद आया;
याद आया था बिछड़ना तेरा;
फिर नहीं याद कि क्या याद आया;
हाथ उठाए था कि दिल बैठ गया;
जाने क्या वक़्त-ए-दुआ याद आया;
जिस तरह धुंध में लिपटे हुए फूल;
इक इक नक़्श तेरा याद आया;
ये मोहब्बत भी है क्या रोग
जिसको भूले वो सदा याद आया।
मैं अच्छाई छोड़कर, बुराई पर गया था
उसकी गर्दन नापने,सुराही पर गया था
डूबा दिया उसने खुद के, अंदर मुझको
मैं गहरे दरिया की, गहराई पर गया था
उसके होटों की हसी,रूक नहीं रही थी
मैं ख़ुद रोने उसकी,विदाई पर गया था
कभी ना होती मौत,उसके कैदखाने में
मर तो मैं खुद की, रिहाई पर गया था
नहीं हुई मोहब्बत,फिर कभी किसी से
मैं एक ज़ुल्मी की, जुदाई पर गया था
हँसते हँसते रोना है इतना पागल होना है । Best Hindi shayari
तकलीफ तो मुझे भी होती है
मगर ये बात हौंसला देती है कि
जब तुम रह सकते हो मेरे बगैर
तो मैं क्यूँ नहीं!!!⚡️⚡️
घुटन सी होने लगी उस के पास जाते हुए
मैं ख़ुद से रूठ गया हूँ उसे मनाते हुए
ये ज़ख़्म ज़ख़्म मनाज़िर लहू लहू चेहरे
कहाँ चले गए वो लोग हँसते गाते हुए
न जाने ख़त्म हुई कब हमारी आज़ादी
तअल्लुक़ात की पाबंदियाँ निभाते हुए
है अब भी बिस्तर-ए-जाँ पर तिरे बदन की शिकन
मैं ख़ुद ही मिटने लगा हूँ उसे मिटाते हुए
तुम्हारे आने की उम्मीद बर नहीं आती
मैं राख होने लगा हूँ दिए जलाते हुए
अजहर इक़बाल
साथ तो जिंदगी भी छोड़ देती है ,
फिर शिकायत सिर्फ मोहब्बत से क्यों?
तेरी हर बात मोहब्बत में गवारा करके...!
दिल के बाज़ार में बैठे हैँ ख़सारा करके...!!
आसमानो की तरफ फेक दिया है मैंने...!
चंद मिट्टी के चिरागों को सितारा करके...!!
एक चिन्गारी नज़र आई थी बस्ती मेँ उसे...!
वो अलग हट गया आँधी को इशारा करके...!!
मैं वो दरिया हूँ कि हर बूँद भंवर है जिसकी...!
तुमने अच्छा ही किया मुझसे किनारा करके...!!
आते जाते है सादिक़ कई रंग मेरे चेहरे पर...!
लोग लेते है मज़ा जिक्र तुम्हारा करके...!!
मुन्तज़िर हूँ कि सितारों की ज़रा आँख लगे...!
चाँद को छत पे बुला लूँगा इशारा करके...!!
तुम्हारी याद के दीपक भी अब जलाना क्या
जुदा हुए हैं तो अहद-ए-वफ़ा निभाना क्या
बसीत होने लगी शहर-ए-जाँ पे तारीकी
खुला हुआ है कहीं पर शराब-ख़ाना क्या
खड़े हुए हो मियाँ गुम्बदों के साए में
सदाएँ दे के यहाँ पर फ़रेब खाना क्या
हर एक सम्त यहाँ वहशतों का मस्कन है
जुनूँ के वास्ते सहरा ओ आशियाना क्या
वो चाँद और किसी आसमाँ पे रौशन है
सियाह रात है उस की गली में जाना क्या
पोंछ कर अश्क अपनी आँखों से मुस्कुराओ तो कोई बात बने
सर झुकाने से कुछ नहीं होता सर उठाओ तो कोई बात बने
ज़िंदगी भीक में नहीं मिलती ज़िंदगी बढ़ के छीनी जाती है
अपना हक़ संग-दिल ज़माने से छीन पाओ तो कोई बात बने
रंग और नस्ल ज़ात और मज़हब जो भी है आदमी से कमतर है
इस हक़ीक़त को तुम भी मेरी तरह मान जाओ तो कोई बात बने
नफ़रतों के जहान में हम को प्यार की बस्तियाँ बसानी हैं
दूर रहना कोई कमाल नहीं पास आओ तो कोई बात बने
किसी को नींद आती है मगर ख्वाबों से नफरत है,
किसी को ख्वाब प्यारे हैं मगर वो सो नहीं पाता।🙂
कभी पढ़कर ख़ुशी होती होगी
कभी आंखें भर जाती होगी
मेरी शायरी में जब किसी को
अपनी कहानी नज़र आती होगी
तन्हाईयाँ कुछ इस तरह से डसने लगी मुझे,
मैं आज अपने पैरों की आहट से डर गया।
💔
मुझसे दूर जाने की बात मत करो,,
देख मैं डर गया हू , मर भी सकता था,🙂
काश मेरी फिर वही पुरानी, रात आ जाए
वो मोहब्बत वाली लबों पे, बात आ जाए
अब तो हम,खुदको भी नहीं पहचान पाते
तुम कोशिश करो, तो कुछ याद आ जाए
अक्सर, घुटनों पर गिर जाती है मोहब्बत
जो इश्क़ के बीच में अगर,जात आ जाए
मोहब्बत साथ में थी, तो सर झुका लिया
अकेले में हो जिसकी औकात, आ जाए
यारो उस वक्त उठाना, तुम मेरा ज़नाज़ा
जब उसके दरवाज़े पर, बारात आ जाए
उसकी अदालत में,कोई तो मेरे जैसा हो
हो कर कोई बे गुनाह,गिरफ़्तार आ जाए
एसी क़ातिल है, उसके आंखों की चमक
वो जो पत्थर को देखे, तो दरार आ जाए
बुलाया है हमे,खत्म रिश्ता करने ले लिए
हम दुआ कर रहे है, हमे बुखार आ जाए
अपना सर भी, शोक से झुका लेंगे भैरव
सामने उसका घर,या कोई मज़ार आ जाए
हँसते हँसते रोना है इतना पागल होना है । Best Hindi shayari
हँसते हँसते रोना है इतना पागल होना है
उसके मन को पढ़ जाउ इतना जाहिल होना है
अपना एक सफीना है अपना साहिल होना है
खुद से ही आशिक़ी है खुद का ही कातिल होना है
ढूंढे ढूंढ सके न कोई ऐसा हासिल होना है
खिड़की से झांकता हूँ मै सबसे नज़र बचा कर,
बेचैन हो रहा हूँ क्यों घर की छत पे आ कर,
क्या ढूँढता हूँ जाने क्या चीज खो गई है,
इन्सान हूँ शायद मोहब्बत हमको भी हो गई है
घुटनों से रेंगते-रेंगते,
कब पैरों पर खड़ा हुआ,
तेरी ममता की छाँव में,
जाने कब बड़ा हुआ,
काला-टीका दूध मलाई,
आज भी सब कुछ वैसा है,
मैं ही मैं हूँ हर जगह,
माँ प्यार ये तेरा कैसा है?
सीधा-साधा, भोला भाला,
मैं ही सबसे अच्छा हूँ,
कितनी भी हो जाऊ बड़ा,
“माँ!” मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ.
समझ सके ना लोग भी स्याने ,
इश्क़ का रुतबा इश्क़ ही जाने !🙂
ये दिल तुम्हारे प्यार में हम हारे मिलेंगे,
मक्के दी रोटी साग दे चटकारे मिलेंगे,
शादी हुई तो घर में पंच प्यारे मिलेंगे,
गर ना हुई तो शाम ते गुरुद्वारे मिलेंगे
😢😝
अपने दिल में तुम्हारे प्यार की दास्तां लिखी है,
न थोड़ी न बहुत बे-हिसाब लिखी है,
किया करो कभी हमे भी अपनी दुआओं में शामिल,
हमने अपनी हर एक सांस तुम्हारे नाम लिखी है।
ख्वाइश,,,,,,
वक्त कभी ना कभी उनके पास भी ले जाएगा.
जिनके साथ हम चाय पीने की ख्वाइश लिए बैठें है☕
तुम सबका जवाब हो
सवाल तो हम हैं
तुम किसी की हकीकत हो
बुरे खयाल तो हम हैं
तुम किसी की जिंदगी हो
बर्बाद तो हम हैं
तुम पहाड़ों से बहती हुई,एक प्यास हो
सैलाब तो हम हैं
तुम दरिया में तैरती हुई मछली की तरह
फसाने वाले जाल तो हम हैं
एक प्यारा सा दिल हो तुम
जख्म तो हम हैं
बाग के एक सुंदर फूल हो तुम
खालिस तो हम हैं
मुस्कुराते हुए हॉट हो तुम
आंख नम तो हम हैं
खुशियों का खजाना हो तुम
गम तो हम हैं
हर आशिक का ठिकाना हो तुम
खंडहर तो हम हैं
मिलने का कोई बहाना हो तुम
हिज्र की रात तो हम हैं
अच्छी तबीयत हो तुम
बुरी बात तो हम हैं
लेकिन सारे ख्याल मिले रहे तो ठीक है
नहीं तो,अकेले हो तुम
साथ हैं, तो हम हैं
हम अंधेरों को दूर करते हैं
अपनी ग़ज़लों से नूर करते हैं
हो गए आप कितना पत्थर-दिल
आईना चूर-चूर करते हैं
ग़ैर तो ग़ैर हैं, करें न करें
चोट अपने ज़रूर करते हैं
सब तो शामिल हैं उनकी महफ़िल में
हम भला क्या क़ुसूर करते हैं
आएगी कब यहाँ वो ख़ुशहाली
बात जिसकी हुज़ूर करते हैं
देव
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