राजपूत एटीट्यूड शायरी । Rajput attitude shayari,
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राजपूत एटीट्यूड शायरी । Rajput attitude shayari,
पूरे जंगल में सन्नाटा छाया है, सुना है
एक घायल शेर वापस आया है!
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राजपूत एटीट्यूड शायरी । Rajput attitude shayari, |
There is silence in the whole forest, heard
A wounded lion is back!
गर्व है मुझे मेरे बुरे होने पर
अगर अच्छे तुम्हारे जैसे हों तो
I'm proud to be bad
if good like you
यह समृद्ध संस्कृति और निडर रवैये की निशानी है!
Rajput! is not just a word,
It is the sign of rich culture and fearless attitude!
अब उन्हें गौरवान्वित करने की आपकी बारी है।
राजपूत बाहर से खामोश दिखते हैं, लेकिन अंदर ही अंदर तूफान को रखते हैं।
Now it’s your turn to make them proud.
Rajputs look silent from outside, but they keep the storm inside.
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ठण्ड ? उनको लगाती है जिनकी कर्मो में दाग ? है!! हम तो राजपूत हैं, हमारे खून में भी आग है!!
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राजपूत एटीट्यूड शायरी । Rajput attitude shayari, |
cold? Does it apply to those whose deeds are tainted? Is!! We are Rajputs, there is fire in our blood too!!
अब उन्हें गौरवान्वित करने की आपकी बारी है।
राजपूत बाहर से खामोश दिखते हैं, लेकिन अंदर ही अंदर तूफान को रखते हैं।
Now it’s your turn to make them proud.
Rajputs look silent from outside, but they keep the storm inside.
राजपूत! सिर्फ एक शब्द नहीं है,
यह समृद्ध संस्कृति और निडर रवैये की निशानी है!
Rajput! is not just a word,
It is the sign of rich culture and fearless attitude!
हमारा नाम इतना भी कमजोर नहीं है कि,
दो चार दुश्मनों की आवाज़ से बदनाम हो जाए.
Our name is not so weak that,
Get defamed by the sound of two or four enemies.
खामोशी से अपनी पहचान बनाते रहो
वक्त खुद बताएगा तुम्हारा नाम!
keep your identity silent
Time itself will tell your name!
मैं हमदर्दी की ख़ैरातों के सिक्के मोड़ देता हूँ,
जिस पर बोझ बन जाउँ, उसे मैं ख़ुद ही छोड़ देता हूँ।
I turn the coins of charity of sympathy,
I leave myself on whomever I become a burden.
तुझे प्यार भी तेरी औकात से ज़्यादा किया था, अब बात नफरत की है तो नफरत ही सही।😠😠
Loved you more than your status, now if it is about hate, then hate is right.
नाम और पहचान चाहे छोटी हो
पर अपने दम पर होनी चाहिए.
name and identity however short
But it should be on its own.
Ham Rajpoot? hain hamen doston ko jazbaat dikhana ata hai aur dushmano? ko unkee Aukaat✊ dikhana ata hai??
शेर कभी छुपकर वार नहीं करते
बुज़दिल कभी खुलकर वार नहीं करते
अरे हम तो राजपूत हैं हम तो
मरके भी हार स्वीकार नहीं करते !! जय राजपूताना
अपने Status में Attitude का ज़ोर है ,
तभी तो चारों तरफ राजपूत के नाम का शोर है !!
हम तो अपने दुश्मनों को भी चाहते है
क्योंकि उन्ही के कारण तो Publicity पाते हैं !!
जब हम सिंहासन पर बैठते हैं तो,राजा कहलाते है ,
जब हम घोङे पर सवार होते तो,योध्दा कहलाते है !
जब हम किसी की जान बचाते है तो,श्रत्रिय कहलाते है!
जब हम किसी को वचन देते है तो “राजपुत” कहलाते है !
जो मच्छर से डर जाता है,
उसका खून भी लाल होता है।जो शेर से लड़ जाता है,
उसका खून भी लाल होता है।।लेकिन एक अजब खून का
जलवा तो गजब पुत का होता है!!जो मौत को भी ललकारे वो खून
राजपूत का होता है !जमाने ने राजपूतो के
उसूल तो बदल दिये पर
रगों मे खून आज भी वो ही है.. ।।
झुंड मे रहने वालो आजमा कर
देखना कभी हमारी छाती पर फौलाद भी पिघलता है।
शेर सा जिगरा है “राजपूत”
हमेसा अकेला निकलता है।
गुलामी तो हम सिर्फ अपने माँ बाप की करते है .!!
दुनिया के लिये तो कल भी बादशाह थे और आज
भी..!!
औकात मे रहकर बात कर बेटा
जो बन्ना के आंखो मे अटकते है
वो फिर समशान मे भटकते है।
हमारी औकात का अंदाजा हमारे ज़ोर से नहीं
दुशमन के शोर पर चलता है।
जब से रॉयल एन्फ़ील्ड वालों ने सेल्फ स्टार्ट की सुविधा दी है
तब से एक थप्पड़ मे गिर जाने वाले लौंडे भी बुलेट ले कर घूमते है।
शेर कभी छुपकर वार नहीं करते
बुज़दिल कभी खुलकर वार नहीं करते
अरे हम तो राजपूत हैं हम तो
मरके भी हार स्वीकार नहीं करते !! @जय राजपूताना
अपने Status में Attitude का ज़ोर है ,
तभी तो चारों तरफ राजपूत के नाम का शोर है !!
हम तो अपने दुश्मनों को भी चाहते है
क्योंकि उन्ही के कारण तो Publicity पाते हैं !!
जब हम सिंहासन पर बैठते हैं तो,राजा कहलाते है ,
जब हम घोङे पर सवार होते तो,योध्दा कहलाते है !
जब हम किसी की जान बचाते है तो,श्रत्रिय कहलाते है!
जब हम किसी को वचन देते है तो “राजपुत” कहलाते है !
जो मच्छर से डर जाता है,
उसका खून भी लाल होता है।जो शेर से लड़ जाता है,
उसका खून भी लाल होता है।।लेकिन एक अजब खून का
जलवा तो गजब पुत का होता है!!जो मौत को भी ललकारे वो खून
राजपूत का होता है !जमाने ने राजपूतो के
उसूल तो बदल दिये पर
रगों मे खून आज भी वो ही है.. ।।
झुंड मे रहने वालो आजमा कर
देखना कभी हमारी छाती पर फौलाद भी पिघलता है।
शेर सा जिगरा है “राजपूत”
हमेसा अकेला निकलता है।
गुलामी तो हम सिर्फ अपने माँ बाप की करते है .!!
दुनिया के लिये तो कल भी बादशाह थे और आज
भी..!!
औकात मे रहकर बात कर बेटा
जो बन्ना के आंखो मे अटकते है
वो फिर समशान मे भटकते है।
हमारी औकात का अंदाजा हमारे ज़ोर से नहीं
दुशमन के शोर पर चलता है।
जब से रॉयल एन्फ़ील्ड वालों ने सेल्फ स्टार्ट की सुविधा दी है
तब से एक थप्पड़ मे गिर जाने वाले लौंडे भी बुलेट ले कर घूमते है।
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