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બેસ્ટ પ્રેમ ની ગુજરાતી શાયરી / best prem ni gujrati shayari

બેસ્ટ પ્રેમ ની ગુજરાતી શાયરી / best prem ni gujrati shayari સ્વપ્નને કહેજો પગરખાં વાપરે, અહીં તો પાંપણોનો માર્ગ પણ પથરાળો છે !! Tell the dream uses shoes, Here even the path of eyelashes is stony!! *"ગૂંગળામણ" નું કારણ ફક્ત ઓક્સિજન ની ઉણપ નહી...* *પણ,* *હૃદય મા દબાવેલી વાતો નો "સંગ્રહ" પણ હોય શકે* "Suffocation" is caused not only by lack of oxygen...* *But,* *Could also be a "collection" of things buried in the heart* તમે ભૂલી ગયા’તા પાનું જેનું વાળવાનું તે, અઘુરી વાર્તાને કારણે જીવી જવાયું છે. You forgot the page to turn, Aghuri has survived because of the story. પ્રેમ માં પડવું નહિ એના કદી  છે બહુ અઘરું આ પિંજર છોડવું  Never fall in love It is very difficult to leave this cage  પ્રેમમાં તમારી ચામડી શ્યામ હશે તો ચાલશે... પણ તમારી નિયત કૃષ્ણ જેવી પવિત્ર હોવી જોઈએ If your skin is dark in love, it will work... But your destiny should be pure like Krishna મને નથી ખબર તારી પાસે શું જાદુ છે,  તારી સાથે બે-ઘડી વાતો કરીને જિંદગી ની હળવાશ જરૂર અનુભવુ...

Maharana Pratap Singh ka Chetak ghoda

   Chetak loyal horse of Maharana Pratap Singh ji in India


             महाराणा प्रताप सिंह जी को कोन नही जानता जब अकबर को पूरे हिंदुस्तान पे अपनी सलतनत बढ़ानी थी तब मेवाड़ के श्री महाराणा प्रताप सिंह जी ने उसके सामने युद्ध किया
    अपनी मातृभूमि के लिए तब वो हल्दी घाटी का युद्ध  ओर जब वो युद्ध की बात आए तब राणा जी और चेतक ये नाम सबसे पहले सामने आ जाता है




Maharana Pratap Singh ka Chetak ghoda
Maharana Pratap Singh ka Chetak ghoda


चेतक। chetak


    चेतक महाराणा प्रताप सिंह जी का घोड़ा था और उसका बहुत प्रिय घोड़ा था, राणाजी ने चेतक पर सवार होकर बहुत युद्ध लड़े और वो जहा जाते चेतक उसके साथ ही होता,

  

   जब हल्दी घाटी युद्ध 18 जून 1576 को हुआ तब चेतक घोड़े ने जो आपनी वफादारी दिखाई घोड़ा युद्ध में बहुत घायल था फिर भी उसने महाराणा प्रताप सिंह जी को युद्ध के मैदान से बाहर लेके गया ऐसे उसने स्वामी भक्ति दिखाई थी तब वो घोड़ा इतिहास में अमर हो गया,


 पर उससे पहले चेतक की कुछ और भी कथा है 

 चेतक गुजरात के एक प्रदेश काठियावाड़ की काठी ब्रीड का घोड़ा है गुजरात के चोटिला पंथक के चरण वेपारी के पास वो घोड़ा था और साथ में दो घोड़े और थे अटक, चयतुक, और कटक, थे तीनो घोड़े काठियावाड़ी थे और एक ही नसल के थे  जब उस वेपारी ने तीनो घोड़े महाराणा प्रताप सिंह जी के सामने पेस लिए तो महाराणा प्रताप सिंह जी के भाई शक्ती सिंह को उसकी परीक्षा लेने कि ईशा हुई 
 
  ओर वो वेपारि को कहा की घोड़े की खासियत क्या है?

    तब उस वेपारि ने कहा की ये बहुत ही वफादार होते है आप एक काम कीजिए  जो सीशा बनता है उसका मिश्रण लीजिए और एक घोड़े को उसपे खड़ा कर दीजिए, जैसे ही एक घोड़े को शीसे पर खड़ा किया और जब शिसा जम कर कठोर हो गया तब उस वेपारि ने थोड़े दुर जाके बचाओ-बचाओ ऐसी दो तीन बार आवाज लगाई  तब जो घोड़ा शिसे पे जिसके पैर जमे हुऐ थे उसने ऐसी सलांग लगाई की उसके पैर शीसे पे ही रह गये ओर उसका शरीर बिना पैर के अलग  हो गए 

बस ये देख के महाराणा प्रताप सिंह जी ने बाकी बचे दो घोड़े अपने पास ही रख लिए एक घोड़े को शक्ति सिंह जी को दिया और एक नीले रंग का जो घोड़ा था उसे अपने पास रखा 
वो कोई और घोड़ा नही था  यही वो चेतक था 



 आज भी घोड़े के मामलेमें  काठी ब्रीड फेमस है (काठी ब्रीड,  काठी राजपूत के द्वारा बनाई गई घोड़े की ब्रीड है और काठी राजपूत के नाम से ही गुजरात मे काठियावाड़ प्रदेश का नाम रखा गया है)  और आज भी काठियावाड़ में इस काठी ब्रीड के घोड़े मौजूद हैं 
   

अगर आप को काठी राजपूत की history  चाहिए तो मुझे कॉमेंट करके जरूर बताएं हम उसे भी पोस्ट करदगे






Who does not know Maharana Pratap Singh ji, when Akbar had to increase his sultanate all over India, then Shri Maharana Pratap Singh ji of Mewar fought in front of him.

 For his motherland, then the battle of Haldi Ghati, and when it comes to war, Rana ji and Chetak are the first names that come to the fore.


 Chetak.



 Chetak was the horse of Maharana Pratap Singh ji and was very dear to him, Ranaji fought many wars riding on Chetak and wherever he would go, Chetak would be with him,



 When the Haldi Ghati war took place on 18 June 1576, the horse that showed its loyalty to Chetak horse was very injured in the war, yet he took Maharana Pratap Singh ji out of the battlefield, in such a way that he had shown devotion, then that horse is immortal in history. done,


 But before that there is some other story of Chetak


 Chetak is a saddle breed horse of Kathiawar, a state of Gujarat, Charan Merchant of Chotila Panthak of Gujarat had that horse along with two more horses were Attack, Chaytuk, and Cuttack, all three horses were Kathiawari and belonged to the same breed. That Merchant took all the three horses in front of Maharana Pratap Singh ji, then Maharana Pratap Singh ji's brother Shakti Singh was expected to test him.



 And he told Merchant what is the specialty of the horse?


 Then that Merchant said that they are very loyal, you do one thing, take the mixture of the lead that is made and make a horse stand on it, as soon as a horse is put on the glass and when the lead becomes hard then That vepari went a short distance and made a sound like save-save two or three times.


 Just seeing this, Maharana Pratap Singh ji kept the remaining two horses with him, gave one horse to Shakti Singh ji and kept a blue colored horse with him.

 It was not some other horse, it was Chetak


 Even today, in the case of horse, Kathi Breed is famous (Kathi Breed is a horse breed made by Kathi Rajput and Kathiawar State in Gujarat is named after Kathi Rajput) and even today in Kathiawar this Kathi Breed Horses are present




 If you want the history of Kathi Rajput, then definitely tell me by commenting, we will post it too.


 

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